मौन – अब बस सन्नाटा है। Silence very sad poetry

very sad poem
Silence very sad poetry

एक बार सुनसान भूमि में, (Silence very sad poetry)
वयस्कों के रहते परिवार,
प्रकृति के सामंजस्य में।

Silence very sad poetry very sad poetry

उन्हें कभी भूख नहीं लगती थी।
वे कभी नहीं थकते।
वे बस यही करेंगे
एक पतले पेड़ की रक्षा के लिए।

Silence very sad poetry

कोई नहीं जानता कि किसने लगाया था
चारों ओर सबसे ऊंची पहाड़ी पर एक पेड़;
वह अकेला पेड़ वर्षों तक जीवित रहा।

Silence very sad poetry

वे कभी अन्य स्थानों की तलाश नहीं करते हैं।
वे आपस में कभी बात भी नहीं करते।
वे बस यही करेंगे
पेड़ के नीचे रहने के लिए।

Silence very sad poetry

दिन और रात का एहसास
सूर्य जैसी आकृति के कारण वहां था।
गर्म और चमकदार, यह फीका पड़ जाएगा
हर कुछ घंटों में।

Silence very sad poetry

उन्हें कभी नींद नहीं आई।
वे भी कभी पूरी तरह से जागे नहीं थे।
वे बस यही करेंगे
पेड़ के सिल्हूट पर कब्जा।

very sad poetry

दिन बीतते गए और रातें।
परिवारों के सदस्य
पेड़ को देखेगा-
उनके जीवन की एक देवता आकृति।

very sad poetry

एक दिन हो या एक रात,
मुझे ठीक से याद नहीं है।
पेड़ पतली हवा में गायब हो गया।
चारों ओर सबसे ऊंची पहाड़ी से
एक सुनसान भूमि के
जहां वयस्कों के परिवार रहते थे,
प्रकृति के सामंजस्य में।

अब बस सन्नाटा है।

very sad poetry

LET’S KEEP IN TOUCH!

We’d love to keep you updated with our latest news and offers 😎

We don’t spam! Read our privacy policy for more info.

Scroll to Top